आईएनसी 24 मीडिया छत्तीसगढ़। जगदलपुर बस्तर रिपोर्टर - सुमित बाजपेई की रिपोर्ट : -
बस्तर। 70 वां राष्ट्रीय वन्य जीव सप्ताह के उपलक्ष्य में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के वानिकी व वन्य जीव अध्ययनशाला में कांगेर वैली उद्यान टीम के सहयोग से शुक्रवार को ‘‘वन्यजीव उजागर संरक्षण रणनीति की खोज’’ विषय पर पैनल चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में अतिथियों के विचार उद्बोधन के साथ विवि के विभिन्न अध्ययनशालाओं के विद्यार्थियों ने टीम बनाकर पर्यावरण संरक्षण संबधी अपने विचार रखे। ‘‘सेफगार्डिंग आवर नेचुरल हेरिटेज’’ थीम पर हुई चर्चा में विवि के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वन्य जीवों के अन्तः संरक्षण एवं बाह्य संरक्षण तथा वन्यजीवों के प्राकृतिक रहवास में कमी आना चिंता का विषय है।
पर्यावरण विघटन, ग्रीन हाउस इफेक्ट, पृथ्वी के तापमान में वृद्धि एक बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है। इस संबंध में शीघ्र प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है। प्रो श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के वन व वन्य जीवों की तुलना करते हुए कहा कि प्रदेश में वन विविधता को और बेहतर बनाया जाना चाहिए। यह काम जनजागरूकता से संभव है। हमें इस प्राकृतिक विरासत को बचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कुलसचिव अभिषेक कुमार बाजपेई ने कहा कि वन्य जीवन संरक्षण में समाज का योगदान बहुत आवश्यक है। समाज के युवा पर्यावरण की सुरक्षा में भागीदारी निभाएंगे तभी जैव विविधता संरक्षित होगी। आज इकोटूरिज्म स्वरोजगार का माध्यम बन रहा है। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। कार्यक्रम के संयोजक व वानिकी व वन्य जीव अध्ययनशाला के विभाग प्रमुख प्रो. डॉ. शरद नेमा ने अपने परिचय और आभार उद्बोधन में कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को इस विषय के संबंध में जागरूक करना है। डॉ. नेमा ने कहा कि भारत एक विकासशील देश है।
वन क्षेत्र में कई विकास कार्य भी हो रहे हैं। भारतीय नीतियां और कानून वनों को संरक्षित करने में बहुत कारगर व प्रभावी हैं। संरक्षण की दिशा में जो गैप है हम सबकी जिम्मेदारी से एवं वैज्ञानिक, सामजिक तथा जन जागरूकता के द्वारा पूर्ति किया जा सकता है। विद्यार्थियों ने अपने उद्बोधन में जीव हत्या, पेंगोलिन का अवैध तस्करी, पॉल्यूशन, वनों की कटाई, जंगल की आग जैसे विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी।
एमएससी वानिकी एवं वन्यजीव के छात्रों के समुह में दीनानाथ, नम्रता, शिवम, भूमिका, भूमिका साहू सतीश ठाकुर, गरिमा साहू, मानशी विश्वकर्मा, पूजा सोरी, पूजा पोडियम, सौरव वर्मा, तनु पाया, राजू कश्यप, बैमती, विकाश नाग, प्रिया भारद्वाज, गोकर्णी कमरे ने पेनल् चर्चा में अपने अपने विचार प्रस्तुत किये। अन्य विभाग से खुशबू, दीक्षा,आस्था, प्रियांशू, श्रुति, उर्वशी, भूमिका मौर्य, निर्मला व भूमिका टांडिया, ने भाग लिया।
वानिकी अध्यनशाला में आठ अक्टूबर तक वन्य जीव पर प्रश्नोत्तरी, कैम्प इत्यादि कार्यक्रम किए जाएंगे। कार्यक्रम को कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान के वन्य जीव विशेषज्ञ युगल जोशी एवं सुश्री सुमन भास्कर ने भी वन्यजीव संरक्षण पर जानकारी साझा किये। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों, बीट ऑफिसर ने भी वि वि के छात्र छात्रा ओ को वन्य जीव सुरक्षा के सम्बन्ध में बताया। कार्य क्रम में वि वि के सह प्राध्यापक डॉ. विनोद कुमार सोनी, सह प्राध्यापक डॉ. संजीवन कुमार, मैना मित्र समूह के सदस्य, अतिथि व्याख्याता डॉ. प्रीति दुबे, डॉ. दयानंद पैंकरा, प्रयोगशाला तकनीशियन बिपुल पॉल इत्त्यादि उपस्थित थे।